भारत के लोगो को मोटापे से बचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का संकल्‍प

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March 4, 2025

क्या भारत मोटापे की महामारी की ओर बढ़ रहा है?

भारत दुनिया के उन देशो मे शामिल हो रहा जहॉ सरकार को आपके आर्थिक स्‍वास्‍थ्‍य के साथ साथ शारिरिक स्‍वास्‍थ्‍य की भी चिन्‍ता है तेजी से बदलती जीवनशैली भारत के लोगो का मोटापे की महामारी की ओर धकेल रही है? बढ़ते जंक फूड, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और अस्वस्थ खानपान की आदतें इस संकट को और अधिक प्रभावित कर रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगो को बचाने के लिए एक मुहिम शुरू की है जिसमे खाना पकाने की तेल (COOKING OIL) का महत्‍व सबसे ज्‍यादा है देश के लोग जितना तेल खाते है उससे 10%  कम कर ले तो वे फिटनेश की ओर जाने लगेंगे, जिसमे उन्‍होने खुद सामने आकर लेागो को बताना पडा की देश के लोगो अस्‍व्‍स्‍थ्‍य हो रहे है और मोटापे का शिकार हो रहे है उन्‍हे फिट रहना चाहिए और मोटापे को कम करना चाहिए। आइए जानें कि भारत को मोटापे से बचाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता और रणनीति क्या है।

भारत मे मोटापे की बढ़ती समस्या: आंकड़ों की नजर से

fat man

मोटापा देश की एक बडी समस्‍या बन गया है वर्ष 2024 मे एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 50%  अबादी यानी की हर दो मे से एक युबा एक व्‍यकित शारिरिक रूप से Fit नही है और इनमे महिलाए की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है भारत की 57% महिलाए एंव 42% पुरूष PHYSICALLY UNFIT है इसका सबसे बडा कारण है मोटापा, मोटापे की बजह से भारत के लोग कइ तरह की बिमारीयो से घिरते जा रहे है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2025 की हालिया रिपोर्ट के अनुसार:
  • आज से 35 साल पहले वर्ष 1990 मे 03 करोड भारतीय मोटापे का शिकार थे लेकिन आज 2025 मे यह संख्‍या 03 करोड से 35 करोड हो चुकी है
  • भारत में 30% वयस्क और 14% बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं।
  • अत्यधिक मोटापा हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बनता जा है।

अधिकतम कितना तेल खाना चाहिए

स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट भी पुष्टि की है कि मोटापा अब सिर्फ अमीर वर्ग की समस्या नहीं रही, बल्कि अब यह ग्रामीण और निम्न आय वर्ग में भी तेजी से फैलती रही है। इसलिए लोगो को एक दिन मे 30 से 35 ग्राम से ज्‍यादा तेल नही खाना चाहिए यानी प्रतिदीन करीब दो से तीन चम्‍मच तेल काफी है इससे ज्‍यादा नही । लेकिन लोग सरसो के साथ साथ रिफाइन तेल REFINE OIL भी खा रहे है पर सरसो हो या रिफाइन ये आपका दोस्‍त नही दुश्‍मन है ।

मोटापे का सबसे बडा कारण::(COOKING OIL)

Cooking Oil

मोटापे का सबसे बडा कारण Cooking Oil यानी वो तेल जिस तेल से आप अपना खाना पकाते है तेल का मोटापे से सीधा संबंध है और खाने के तेल मे प्रतिग्राम 09 कैलोरी होती है और ज्‍यादा तेल खाने से आपका बजन तेजी से बढता है और कई बार हमारे खाने मे सब्‍जी से भी ज्‍यादा मात्रा तेल की होती है और ब्‍ययाम न करने के कारण आपका शरिर तेल की खपत नही कर पाता है और मोटापे का कारण बनता है और ऐसे ही भारत के लोग UNFIT होते जा रहे है।

मोदी सरकार की मोटापा रोकथाम योजना

दुनिया मे हर साल 28 लाख लोगो की मौत मोटापे से होने वाली अलग अलग बीमारी से होती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “फिट इंडिया मूवमेंट”, और “पोषण अभियान”, जैसी पहलों के जरिए देश को इस गंभीर संकट समाप्‍त करने का संकल्प लिया है। आइए इनके प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालें।

1. फिट इंडिया मूवमेंट: (FIT INDIA MOVEMENT) से फिटनेस की ओर

मोदी सरकार ने 2019 में “फिट इंडिया मूवमेंट” की शुरुआत की थी, जिसे 2025 में और भी बेहतर बनाया गया है।

  • मोदी सरकार ने फिटनेस को एक जन आंदोलन में बदल दिया है। स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यस्थलों में नियमित रूप से फिटनेस चुनौतियां आयोजित की जा रही हैं।
  • Workplace Health Program: कंपनियों को अपने कर्मचारियों के फिटनेस के लिए अलग से “फिटनेस ऑवर” लागू करने की सलाह दी गई है।
  • बच्चों में मोटापा रोकने के लिए सभी स्कूलों को फिटनेस मानकों पर जोर दिया जा रहा है।
2. पोषण अभियान: सही आहार, सही शरीर

मोटापा केवल व्यायाम की कमी से नहीं, बल्कि गलत खानपान से भी बढ़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने “पोषण अभियान” पर बहुत ज्‍यादा घ्‍यान दे रही है।

  • ट्रांस फैट और जंक फूड पर नियंत्रण – FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने 2025 तक स्कूलों और कॉलेजों में जंक फूड पर प्रतिबंध लगाने हेतू एक योजना बनाई है।
  • मिड-डे मील सुधार: सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील में प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार को अनिवार्य कर दिया गया है।
  • स्थानीय और पारंपरिक आहार को बढ़ावा: प्रधानमंत्री मोदी के “लोकल फॉर वोकल” अभियान के तहत ज्‍वार बाजरा (मिलेट्स), दालें, और स्थानीय अनाज को प्राथमिकता दी जा रही है।
3. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल हेल्थ मिशन (Health Infrastructure and Digital Health Mission)

World Obesity Federation  ने 183 देशो के लोगो के बजन का अघ्‍ध्‍यन किया और उसमे पाया की अगले 10 वर्षो मे यानी की वर्ष 2035 तक दुनिया की 51%  अबादी मोटापे से ग्रस्‍त होगी और अगर ऐसा ही रहा तो 2060 तक हर 4 मे से 3 लोगो का Heart Attack का खतरा रहेगा । प्रधानमंत्री मोदी का “आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन” मोटापा रोकथाम के लिए एक डिजिटल समाधान लेकर आया है।

  • डिजिटल हेल्थ कार्ड: हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जा रही है, जिससे उनकी हेल्थ रिपोर्ट्स और फिटनेस ट्रैकिंग आसानी से हो सकेगी।
  • 📱 मोबाइल हेल्थ ऐप्स: सरकार ने “फिट इंडिया” और “नेशनल हेल्थ पोर्टल” ऐप लॉन्च किए हैं, जहां लोग अपनी डाइट और वर्कआउट प्लान को ट्रैक कर सकते हैं।
  • 🏥 सरकारी अस्पतालों में मोटापा नियंत्रण केंद्र: अब सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में “ओबेसिटी क्लीनिक” खोले जा रहे हैं, जहां लोगों को मुफ्त परामर्श मिलेगा।

क्या मोदी सरकार की पहल असरदार है?

केस स्टडी (Case Study)  

1: इंदौर फिटनेस मॉडल
इंदौर, जो पहले अपने स्ट्रीट फूड के लिए प्रसिद्ध था, अब एक फिटनेस मॉडल बन गया है। फिटनेस पार्क, साइकल ट्रैक, और ग्रीन जिम जैसी योजनाओं ने यहां के लोगों में जागरूकता बढ़ाई है।

पार्क, साइकल ट्रैक, और ग्रीन जिम जैसी योजनाओं ने यहां के लोगों में जागरूकता बढ़ाई है।

2: दिल्ली के स्कूलों में हेल्दी कैंटीन
दिल्ली के कई स्कूलों में सरकार ने हेल्दी कैंटीन प्रोजेक्ट लागू किया है, जिससे बच्चों में मोटापा दर 12% तक कम हुई है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. क्या फिट इंडिया मूवमेंट से वास्तव में मोटापा कम हो रहा है?

हाँ, सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, नियमित व्यायाम अपनाने वाले 60% लोगों का वजन नियंत्रित हुआ है।

2. पोषण अभियान में किन खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी गई है?

बाजरा, मोटे अनाज, दालें, हरी सब्जियाँ, और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद।

3. क्या सरकार ने जंक फूड कंपनियों पर कोई पाबंदी लगाई है?

हाँ, 2025 तक स्कूल और कॉलेज परिसरों में जंक फूड के विज्ञापन और बिक्री पर रोक लगाई गई है।

4. क्या आम नागरिक भी सरकार के डिजिटल हेल्थ मिशन का लाभ उठा सकता है?

बिल्कुल! आप सरकारी ऐप डाउनलोड करके अपनी फिटनेस और हेल्थ डाटा को ट्रैक कर सकते हैं।

5. छोटे व्यवसायी और दुकानदार कैसे फिट इंडिया मूवमेंट में योगदान कर सकते हैं?

वे स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को प्रमोट करके और अपने कर्मचारियों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि वे इसे एक सामाजिक आंदोलन में बदलना चाहते हैं। अगर हम सब इस पहल का हिस्सा बनें, तो आने वाले वर्षों में भारत न केवल एक आर्थिक महाशक्ति बनेगा, बल्कि दुनिया के सबसे स्वस्थ देशों में भी शामिल होगा।

अब आपकी बारी!
क्या आप फिट इंडिया मूवमेंट का हिस्सा बनना चाहते है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें!

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